Last some days were hectic for me.I was busy with personal works.So couldn't contribute to my blogs..
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क्या कहे की क्या होता है इश्क का पैमाना
होता है जिंदगी का फ़साना
रहो जब तलक गिरफ्त में इसकी
होता है एक तराना...
गर हो जाओ कभी अंजुमन से दूर कभी
कर लो एहसास आशिकाना
नज़्म तो सभी गहराईयो को छूते हैं.
कभी इस सैयाद को छेड़ जाना...