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किनके लिए उपयुक्त है यह क्षेत्र
यह क्षेत्र उनके लिए काफी अच्छा है जो नए यन्त्र या सॉफ्टवेर के क्षेत्र में नया कर सकते हैं.भौतिकी,रसायन शास्त्र तथा गणित में रूचि होनी चाहिए.गणित इंजीनियरिंग में विशिस्ट स्थान रखता है.बारहवी में कैलकुलस तथा त्रिकोनिमिति में पारंगतता आवश्यक है.इसके अलावा मेकानिक्स कि समझ भी अच्छी होनी चाहिए .इंजीनियरिंग करने के मकसद अनुसन्धान होना चाहिए न की धन का आकर्षण.ग्लैमर से परे यह क्षेत्र एक तार्किक सोच चाहता है.
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इंजीनियरिंग हमेशा से भारतीय छात्रो के लिए स्वर्णिम करियर का क्षेत्र रहा है.वैश्विक सुधारवाद के दौरान इस क्षेत्र का महत्व और भी ज्यादा हो गया है.
मगर काफी ज्यादा इंजीनियरिंग कालेजो के खुल जाने से छात्रो के बीच भ्रम की सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.आम छात्र संसय में पड़ जाते हैं कि यह क्षेत्र उनके लिए उपयुक्त है कि नहीं. ऐसी स्थिति में जरुरत होती है एक अनुभवी करियर काउंसेलर की.
मगर काफी ज्यादा इंजीनियरिंग कालेजो के खुल जाने से छात्रो के बीच भ्रम की सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.आम छात्र संसय में पड़ जाते हैं कि यह क्षेत्र उनके लिए उपयुक्त है कि नहीं. ऐसी स्थिति में जरुरत होती है एक अनुभवी करियर काउंसेलर की.
किनके लिए उपयुक्त है यह क्षेत्र
यह क्षेत्र उनके लिए काफी अच्छा है जो नए यन्त्र या सॉफ्टवेर के क्षेत्र में नया कर सकते हैं.भौतिकी,रसायन शास्त्र तथा गणित में रूचि होनी चाहिए.गणित इंजीनियरिंग में विशिस्ट स्थान रखता है.बारहवी में कैलकुलस तथा त्रिकोनिमिति में पारंगतता आवश्यक है.इसके अलावा मेकानिक्स कि समझ भी अच्छी होनी चाहिए .इंजीनियरिंग करने के मकसद अनुसन्धान होना चाहिए न की धन का आकर्षण.ग्लैमर से परे यह क्षेत्र एक तार्किक सोच चाहता है.
कैसे दाखिला पाएं
आइ.आइ.टी इंजीनियरिंग के क्षत्र के सबसे बेहतर कॉलेज हैं.इनमें दाखिला जे .इ. इ के द्वारा होता है.इसके अलावा हरेक राज्य में एन.आइ.टी कि स्थापना कि गयी है जिनमे दाखिला सी.बी.एस.इ के द्वारा सम्मिलित परीक्षा के आधार पर होता.ये देश भर के चुनिन्दा संसथान हैं जो इंजीनियरिंग कि पढाई में उत्क्रिस्ट स्थान रखते हैं.इन कॉलेज से पास करने के बाद रोजगार के अछे अवसर रहते हैं.कॉलेज का चयन फैकल्टी,लैब सुविधायो तथा ब्रांड के आधार पर होनी चाहिए.
आइ.आइ.टी तथा एन.आइ.टी के बाद प्राइवेट कॉलेज आतें हैं.बी.आइ.टी. मेसरा तथा पिलानी,वी.आइ.टी वेल्लोर,आइ.पी विश्वविद्यालय अच्छे कॉलेज हैं.प्राइवेट कॉलेज में लगनी वाली फीस छात्रो के लिए मुख्य विषय रहती है.मगर जिन लोगो में इंजीनियरिंग रूचि है वो प्राइवेट कॉलेज से स्नातक करने के बाद अच्छे कॉलेज से परा स्नातक कर सकते हैं.
रोजगार के अवसर
इंजीनियरिंग के बाद रोजगार के अप्रितिम अवसर हैं.सोफ्टवेयर,भारी उद्योग,ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र नित्य रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं.सरकारी अनुम्नाओ के अनुसार भारत को २०२० तक दस लाख से ज्यादा वैज्ञानिको की जरुरत पड़ेगी.कई विदेशी कंपनिया भारत के उत्पादन तथा अनुसन्धान के क्षत्र में विकसित करने का मॉडल ला रही हैं.इंजीनियरिंग कुशल जनसँख्या में बेरोजगारी को काफी कम करने की क्षमता रखता है बशर्ते की मात्रा की जल्दी में हम विशिष्टता से समझौता न कर जायें.
"इंजीनियरिंग करने के मकसद अनुसन्धान होना चाहिए न की धन का आकर्षण.ग्लैमर से परे यह क्षेत्र एक तार्किक सोच चाहता है."
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